आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bhajan sangrah unknown author ebooks"
नज़्म के संबंधित परिणाम "bhajan sangrah unknown author ebooks"
नज़्म
दो-जहाँ का हुस्न ले कर मुंतज़िर है शाम खिड़की पर
शिकस्ता-पुर्सी ना-उम्मीद अश्क आँखों में भर कर
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "bhajan sangrah unknown author ebooks"
दो-जहाँ का हुस्न ले कर मुंतज़िर है शाम खिड़की पर
शिकस्ता-पुर्सी ना-उम्मीद अश्क आँखों में भर कर