aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "bhuul-chuuk"
मगर वो सब कुछ भुला चुकी हैकि जिस के हमराह बीता बचपन
ऊँची पीढ़ी पर बैठीबरतावा करती
मैं मोहब्बत करता और ज़िंदा रहना भूल चुकी हूँऔर खिलौनों के नए कारोबार का लुत्फ़ उठा रही हूँ
बिल्कुल भूल चुका हूँ
नाव बनाने का सारा फ़न भूल चुके हैं
शहर अपना नाम भी भूल चुका था
मेरा ख़याल हैलोग कहानी कहना सुनना भूल चुके हैं
अब हम को क़ुदरत है ज़बाँ परतुतलाना हम भूल चुके हैं
रस्ता देखने वाली आँखेंसारे शिकवे भुला चुकी थीं!
आज में क्या ख़ूबी है जो यूँभूल चुके हो तुम अपना कल
गिन गिन कर पत्थर मारने वालेउन कंकरों की गिनती भूल चुके हैं
बिन बरसे तहलील हो गएशोख़ उजाले कब का रस्ता भूल चुके हैं
वो लड़की भीऔरत की क़दीम ज़बान भूल चुकी है
मेरी पसंद के फूल खिले हैंमैं भूल चुकी हूँ
मैं भूल चुका हूँअमलतास के फूल से अपना पहला मुकालिमा
लब भूल चुके फूल खिलाने का सलीक़ाइस बात में लोगों को कोई शक भी नहीं है
बोटनी के बाहर की ही बातें करते थेशाइ'र तुम तो भूल चुके होगे वो मेले
भूक छुप कर उन्हें खाती रहती हैजब चीख़ों के हज़ारों लश्कर
नफ़रत का लुग़त-नवीस बन करमैं अपनी ज़बान भूल चुका हूँ
हाँ मैं सब कुछ भूल चुका हूँअब तन्हा ख़ाली कमरे में
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