आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "channels"
नज़्म के संबंधित परिणाम "channels"
नज़्म
शौकत आबिदी
नज़्म
साहिर लुधियानवी
नज़्म
कल्ले पे कल्ला लग लग कर चलती हो मुँह में चक्की सी
हर दाँत चने से दलता हो तब देख बहारें जाड़े की
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
बरसों क्या क्या चने चबाए, क्या क्या पापड़ बेले
लहरों को हमराज़ बनाया, तूफ़ानों से खेले
मुस्तफ़ा ज़ैदी
नज़्म
इक पर्दा काली मख़मल का आँखों पर छाने लगता है
इक भँवर हज़ारों शक्लों का दिल को दहलाने लगता है
मुनीर नियाज़ी
नज़्म
न्यूज़ चैनल की छोटी गाड़ी बड़ी ख़बर की तलाश में है
दो सब्ज़ी वाले भी अपनी फेरी लगा रहे हैं