aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "dhak-dhak"
झिलमिल झिलमिल बोल रहा हैधक धक धक धक एक ही बोली
कड़-कड़ कड़-कड़ बजरी कड़केधक-धक धक-धक जियरा धड़के
धक धक करतीभक् भक् करती
चाबी फेरी जल्दी जल्दीधक धक करती मोटर चल दी
धक धक करता हैनींद आँखों से उड़ जाती है
बड़ी देर तक गुथे हुएअपने दिलों की धक धक सुनते रहे
धक धक करते दिल को सँभालेकहीं आँखें चार न हो जाएँ
शेर का दिल धड़कता था धक धकसारे जंगल का राजा था मेंडक
दिल की धक धक के लिए दिल में ख़ुदा चाहती हैनाफ़ में खो के नहीं
ढम ढम ढम ढम ढोलक बाजेछम-छम छम-छम भालू नाचे
उसे ताज़ा फूलों की चादर से ढक करचला जाता हूँ
इसी से मैं भी तन ढक लूँगी अपनाइसी से तुम भी आसूदा रहोगे!
अच्छी तरह ढक दिया हैऔर अब बाक़ी कमरा
ढक के रख दिया है सूरजमाँ ने ओस के बर्तन में
जाओ ऐ नाज़-ए-वतन धाक बिठा कर आना'अज़्मत-ए-क़ौम पे ख़ून अपना बहा कर आना
शहर की आँखों का मतला साफ़ होतो दिल में उतरे ढाक के फूलों की आँच
ढकेमुझ को
और अचानकबादल की चादर सूरज के मुँह को ढक देती है
उसे काली चादर से ढक दोहरी घास पर
बच्चे भागेधम-धम धम-धम
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