aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "dikhaa.o"
बुलाओ ख़ुदायान-ए-दीं को बुलाओये कूचे ये गलियाँ ये मंज़र दिखाओ
अब ताब नहीं नज़्ज़ारे की जल्वे न दिखाओ रहने दोख़ुर्शीद-ए-मोहब्बत के रुख़ से पर्दे न उठाओ रहने दो
क़ौम को उन से जो उमीदें थींअब जो देखा तो सब ग़लत निकलीं
तुम पर से नज़र-बंदऔर दिखाओ अपनी मुस्कुराहट, हँसी और क़हक़हे
चले थे फ़ख़्र से सर ऊँचा थागढ़े थे हाएल कब देखा था
दुआ है ये 'नय्यर' की तुम नाम पाओऔर इस साल में कुछ न कुछ कर दिखाओ
इल्म की रौशनी दिखाओ उन्हेंइल्म क्या चीज़ है दिखाओ उन्हें
दिखाओ जोश-ए-अमल ग़फ़लतें मिटा के चलोरह-ए-वतन में क़दम से क़दम मिला के चलो
मुझे तोता दिखाओसब्ज़ चोंच और सुर्ख़ तोता
कभी देखा नहीं तुम कोहमेशा से फ़क़त आवाज़ बन कर मेरी आँखों में उतरती हो
दूर से जल्वा दिखाओ कि मिरा रोज़ा हैतुम मिरे पास न आओ कि मिरा रोज़ा है
मुझे दिखाओ तो मेरा चेहराकि मैं भी जानूँ
वो किसी ज़नख़े या हिजड़े से ज़ियादा क़ाबिल-ए-रहम होंगीसो हमें मत दिखाओ ये हसब-नसब
अच्छा सा गुड्डा दिखाओ जीरिश्ता कोई अच्छा लाओ जी
कहाँ हो ऐ मिरे दर के गदाओकम-अज़-कम अपनी सूरत तो दिखाओ
निहत्ते बच्चों और औरतों कोबहादुरी के दिखाओ जौहर
बदन की फैलती चर्बी मुहासे कीलझाई के निशाँ और बढ़ते बालों को दिखाती हैं
घड़ी को डॉक्टर साहब के पास ले जाओउन्हें दिखाओ इसे इस में गड़-बड़ी क्या है
जियोग्राफी का टीचर जब आवेज़ाँ कर दे नक़्शाहम से फिर ये पूछा जाए ज़रा दिखाओ शिमला
अपना अपना ज़ोर लगाओचारों को अब तोड़ दिखाओ
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