आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "dil-o-jaa.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "dil-o-jaa.n"
नज़्म
इक दिल-ए-शोला-ब-जाँ साथ लिए जाता हूँ
हर क़दम तू ने कभी अज़्म-ए-जवाँ बख़्शा था!
जाँ निसार अख़्तर
नज़्म
अभी आज़ादी-ए-जिस्म-ओ-दिल-ओ-जाँ का तराना हम ने छेड़ा था
अभी कस ने तुम्हारे दिल पे फिर फूँका वही मंतर
अमीक़ हनफ़ी
नज़्म
कितने सीनों में शिकस्ता हैं अभी दिल के रबाब
लब-ए-ख़ामोश पे हैं नग़्मा-ए-मातम कितने
जाँ निसार अख़्तर
नज़्म
वो जिन में मुल्क-ए-बर्क़-ओ-बाद तक तस्ख़ीर होता है
जहाँ इक शब में सोने का महल तामीर होता है