आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "faaqa-masto.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "faaqa-masto.n"
नज़्म
फ़ाक़ा-मस्तों के जिलौ में ख़ाना-बर्बादों के साथ
ख़त्म हो जाएगा ये सरमाया-दारी का निज़ाम
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
टिफ़िन खाने का जिस ने अपने हाथों में सँभाला है
समझ लो फ़ाक़ा-मस्तों के लिए वो तर निवाला है
असद जाफ़री
नज़्म
बरसात का मौसम रात अँधेरी दिल पे भी हैबत छाई हुई
था पेड़ नज़र आता न कोई घिर घिर घटा थी आई हुई
अमीर औरंगाबादी
नज़्म
फ़ित्ना-ए-ख़ुफ़ता जगाए उस घड़ी किस की मजाल
क़ैद हैं शहज़ादियाँ कोई नहीं पुर्सान-ए-हाल
हफ़ीज़ जालंधरी
नज़्म
देव-मालाओं के सुतूनों पर खड़ी होने वाली देवियाँ
शहज़ादों के परस्तार होने का इंतिज़ार करती हैं
कोमल राजा
नज़्म
ये इडेन गार्डेन हमदम निगाह-ओ-दिल की जन्नत है
यहाँ हव्वा की रंगीं बेटियाँ हर शाम आती हैं