aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "fairy-tail"
कभी बचपन में जो पढ़ते थे परियों की कहानी मेंपरी कोई तिलस्माती असर से
बे-कराँ रात का है सन्नाटासड़कें वीरान
क़ैद हैं जिन में शाम-ओ-सहरजिस ने रक्खा क़दम
तोता छेड़े थप-थप तबला मैना गीत सुनाएउल्लू जब मिर्दंग बजाए कव्वा शोर मचाए
चलते हुए इस पगडंडी परजब सामने पेड़ आ जाते थे
वो फ़ुरात के साहिल पर हों या किसी और किनारे परसारे लश्कर एक तरह के होते हैं
कोहर के पारऔर दूर कहीं
आँगन में पानी आया हैक्या अच्छा तालाब बना है
रात ने अपनी मेहरबान बाहें फैला दींऔर सिसकियों का जवार भाटा तारीकियों से लिपट गया
कौन से देस की बाबत पूछेवक़्त के दश्त में फिरती
मैं ने ख़्वाबों के हसीं जाल बुनेचाँदनी शब की बहारों में कभी
ख़ुशी के चेहरे पे वस्ल का अब्र तैर जाएतमाम दुनिया में तज़्किरे तेरे फैल जाएँ
जब किताबों के नविश्तों से फिसल करमिरी दरमांदा निगाह
पूरब देस में डुग्गी बाजी फैला सुख का हालदुख की आगनी कौन बुझाए सूख गए सब ताल
राख का सारंग पहनेबर्फ़ की लाश है
दिसम्बर का महीना और दिल्ली की सर्दीसितारों की झिलमिलाती झुरमुट से परे
छोटा सा एक बीज अगर है तो क्या हुआकितना बड़ा दरख़्त है इस में छुपा हुआ
तो फिर अब्बा नहीं आएफ़क़ीर आया न मुट्ठी भर अनाज आया
जब खुली आँखों से अपने आस-पासदेखता हूँ अपनी दुनिया किस क़दर महदूद-ओ-तंग
मैं घोड़े के बारे में बहुत कुछ जानता हूँवो अव्वलीन शजर है
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