आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "gairo.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "gairo.n"
नज़्म
हर सर्व-ओ-समन पर बरसेगा हर दश्त-ओ-दमन पर बरसेगा
ख़ुद अपने चमन पर बरसेगा ग़ैरों के चमन पर बरसेगा
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
दौलत के फ़रेबी बंदों का ये किब्र और नख़वत मिट जाए
बर्बाद वतन के महलों से ग़ैरों की हुकूमत मिट जाए
आमिर उस्मानी
नज़्म
बन गए अपनी गृहस्ती के जो दुश्मन तुम हो
हो के ग़ैरों पे फ़िदा बीवी से बद-ज़न तुम हो
नश्तर अमरोहवी
नज़्म
ताज़ीर-ए-सियासत है न ग़ैरों की ख़ता है
वो ज़ुल्म जो हम ने दिल-ए-वहशी पे किया है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
हम को गर तू ने रुलाया तो रुलाया ऐ चर्ख़
हम पे ग़ैरों को तो ज़ालिम न हँसाना हरगिज़
अल्ताफ़ हुसैन हाली
नज़्म
आफ़ताब रईस पानीपती
नज़्म
क़स्र-ए-शाही में कि मुमकिन नहीं ग़ैरों का गुज़र
एक दिन नूर-जहाँ बाम पे थी जल्वा-फ़िगन
शिबली नोमानी
नज़्म
हम को गर तू ने रुलाया तो रुलाया ऐ चर्ख़
हम पे ग़ैरों को तो ज़ालिम न हँसाना हरगिज़