आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "gauhar-baar"
नज़्म के संबंधित परिणाम "gauhar-baar"
नज़्म
अब्र-ए-गौहर-बार बन कर हिन्द में आया था तू
अहल-ए-दुनिया के लिए पैग़ाम-ए-हक़ लाया था तू
सुदर्शन कुमार वुग्गल
नज़्म
और अब चर्चे हैं जिस की शोख़ी-ए-गुफ़्तार के
बे-बहा मोती हैं जिस की चश्म-ए-गौहर-बार के
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
क्यूँ न एडीटर बनूँ अख़बार-ए-गौहर-बार का
और क़लम को रूप दूँ चलती हुई तलवार का
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
कैफ़ में इक ''लग़्ज़िश-ए-पा'' किल्क-ए-गौहर-बार की
''इज़्तिरारी एक जुम्बिश सी'' लब-ए-गुफ़्तार की
जोश मलीहाबादी
नज़्म
ज़ोफ़ दिखलाई है जब भी फ़ितरत-ए-अहरार ने
आग बरसा दी है तेरे नुत्क़-ए-गौहर-बार ने
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
अब्र-ए-नैसाँ का ख़वास उन की नसीहत में था
लब-ए-शीरीं से गुहर-बार गुरु-नानक थे