aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "giilii"
जम्अ करता था चाँद के साएगीली गीली सी नूर की बूँदें
डंडा भी इस मेंगिल्ली भी इस में
वो कैसी औरतें थींजो गीली लकड़ियों को फूँक कर चूल्हा जलाती थीं
न ऐसी ख़ुश-लिबासियाँकि सादगी गिला करे
कुछ नहीं लिखा बस इक इतना कि इंसाँ का नसीबगीली गूंधी हुई मिट्टी का है इक तोदा सा
दिमाग़ की गीली गीली सोचों सेभीगी भीगी उदास यादें टपक रही हैं
गीली गीली यादों की कुछ फूहारेंसफ़ेद झीने पर्दों से आती ठंडी हवा
फ़राज़ खाई में जा रहा हैतो गीली सिगरेट के कश लगा कर
कहीं रात-रानी की ख़ुशबू बसी हैकहीं पर चमेली की निकहत घुली है
हम पैदा करते हैंहम गीली मिट्टी को मुट्ठी में भींचा करते हैं
ये ख़्वाहिश हैकि मैं गीली ज़मीं पर
ख़्वाब की गीली रीत पे उतरेदर्द के मंज़र पिघल रहे थे
गीली मिट्टी में ग़ाएब हो जातींछोटी छोटी छतरियाँ
गेंद घुसी इस्टम्प बिखेरा गिल्ली छिटकी दूरएक बड़ा स्कोर का सपना हो गया आख़िर चूर
गीली रेत पे धूप ने अपना नाम लिखामुट्ठी में मछली का आँसू सूख गया
उस लम्हे की सम्त कभी देखें तो रूह में जागतीगीली मिट्टी की आवाज़ सुनाई देती है
बुझे हुए कोएले और गीली लकड़ी चिंगारी नहीं पकड़तेसोई हुई सर्द मोहब्बत ने करवट बदल ली है
छिल्लम-छू और आँख-मिचोलीगिल्ली डंडा कंचा गोली
याद आ रहे हैं खेतों के फेरेगीली मुँडेरें भीगे सवेरे
इक गिरोह खिलाड़ी लड़कों काहै खेल रहा गिली डंडा
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