आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "guu.nj"
नज़्म के संबंधित परिणाम "guu.nj"
नज़्म
जोश मलीहाबादी
नज़्म
कल वॉशिंगटन शहर की हम ने सैर बहुत की यार
गूँज रही थी सब दुनिया में जिस की जय-जय-कार
अहमद फ़राज़
नज़्म
और इस आवाज़ से गूँज उट्ठी है बस्ती सारी
मैं कभी एक कभी दूसरे झूले के क़रीं जाता हूँ
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
तराने गूँज उठे हैं फ़ज़ा में शादयानों के
हुआ है इत्र-आगीं ज़र्रा ज़र्रा मुस्कुराता है
साहिर लुधियानवी
नज़्म
'चिश्ती' ने जो दी थी मय वो अब तक है पैमानों में
'नानक' की तालीम अभी तक गूँज रही है कानों में
हामिदुल्लाह अफ़सर
नज़्म
इक ख़्वाब की आहट से यूँ गूँज उठीं गलियाँ
अम्बर पे खिले तारे बाग़ों में हँसें कलियाँ
अमजद इस्लाम अमजद
नज़्म
रौंदी कुचली आवाज़ों के शोर से धरती गूँज उठी है
दुनिया के ईना-ए-नगर में हक़ की पहली गूँज उठी है