आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "halqa-e-mauj-e-havaa"
नज़्म के संबंधित परिणाम "halqa-e-mauj-e-havaa"
नज़्म
तू सुने तो मौज-ए-हवा भी राग की तान है
तू सुने तो पात भी फूल भी किसी गुप्त गीत के बोल हैं
ज़िया जालंधरी
नज़्म
मुंतशिर कर के फ़ज़ा में जा-ब-जा चिंगारियाँ
दामन-ए-मौज-ए-हवा में फूल बरसाती हुई
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
दामनों में आग ले कर थी दवाँ बाद-ए-सुमूम
थरथराहट थी फ़ज़ा में मिस्ल-ए-मौज-ए-शो'ला-बार