आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "house"
नज़्म के संबंधित परिणाम "house"
नज़्म
दिन-भर कॉफ़ी-हाउस में बैठे कुछ दुबले-पतले नक़्क़ाद
बहस यही करते रहते हैं सुस्त अदब की है रफ़्तार
हबीब जालिब
नज़्म
घड़ी की टिक-टिक बोल रही है रात के शायद एक बजे हैं
बटला हाउस की एक गली में मोटे कुत्ते भौंक रहे हैं
आसिम बद्र
नज़्म
ये महव-ए-ख़्वाब हैं रंगीन मछलियाँ तह-ए-आब
कि हौज़-ए-सेहन में अब इन की चश्मकें भी नहीं