आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "jaam-e-sifaal-o-jaam-e-jam"
नज़्म के संबंधित परिणाम "jaam-e-sifaal-o-jaam-e-jam"
नज़्म
अफ़यूँ का दौर भी है मय-ए-अर्ग़वाँ के बाद
जाम-ए-सिफ़ाल हाथ में है जाम-ए-जम के साथ
इस्मतुल्लाह इस्मत बेग
नज़्म
हो अगर हाथों में तेरे ख़ामा-ए-मोजिज़ रक़म
शीशा-ए-दिल हो अगर तेरा मिसाल-ए-जाम-ए-जम
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
बिर्ज लाल रअना
नज़्म
ज़र के थालों में मटन चाप उड़ाने दो उन्हें
हम ग़रीबों को मगर जाम-ए-सिफ़ाल अच्छा है
आफ़ताब रईस पानीपती
नज़्म
साजिदा ज़ैदी
नज़्म
ये कार-ज़ार-ए-हस्ती है रंज-ओ-ग़म की बस्ती
फिर याद-ए-बज़्म-ए-जम में इक जाम-ए-जम पिला दे
ख़ुशी मोहम्मद नाज़िर
नज़्म
लबरेज़ है शराब-ए-हक़ीक़त से जाम-ए-हिंद
सब फ़लसफ़ी हैं ख़ित्ता-ए-मग़रिब के राम-ए-हिंद
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
पर्दा-ए-हर-लफ़्ज़ में पोशीदा मा'नी का शुऊ'र
बे-नियाज़-ए-जाम-ओ-साग़र एक रूहानी सुरूर
ज़फ़र अहमद सिद्दीक़ी
नज़्म
पुतलियाँ दोनों तिरी आँखों में दो नीलम लगे
और तिरी आँखों का पानी मुझ को जाम-ए-जम लगे