आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "jalsa-e-be-sar-o-saamaanii"
नज़्म के संबंधित परिणाम "jalsa-e-be-sar-o-saamaanii"
नज़्म
हुजूम-ए-बे-सर-ओ-पा में कई सदियों से रहती है
गुज़रती है तो हर जानिब सुकूत-ए-मर्ग बहता है
फ़ैसल हाशमी
नज़्म
डूबा जाता है नज़र के सामने गुर्दों का दिल
आरज़ू में बे-सर-ओ-पा हैं निगाहें मुज़्महिल
नख़्शब जार्चवि
नज़्म
ज़िंदगी क्या मुझे दे बे-सर-ओ-सामाँ ख़ुद है
चारागर क्या हो मिरी लाएक़-ए-दरमाँ ख़ुद है
सय्यदा फ़रहत
नज़्म
साज़-ए-आहंग-ए-जुनूँ तार-ए-रग-ए-जाँ के लिए
बे-ख़ुदी शौक़ की बे-सर-ओ-सामाँ के लिए