आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kaj-biinii"
नज़्म के संबंधित परिणाम "kaj-biinii"
नज़्म
ज़मीं क्या आसमाँ भी तेरी कज-बीनी पे रोता है
ग़ज़ब है सत्र-ए-क़ुरआन को चलेपा कर दिया तू ने
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
ऐ ज़बाँ तू नुत्क़ में आ कर बनी जादू-बयाँ
तू ने खोले राज़ वो अब तक जो थे दिल में निहाँ
साक़िब कानपुरी
नज़्म
बद-हाल घरों की बद-हाली बढ़ते बढ़ते जंजाल बनी
महँगाई बढ़ कर काल बनी सारी बस्ती कंगाल बनी