aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "kokh"
जिन सीनों ने इन को दूध दिया उन सीनों को बेवपार कियाजिस कोख में इन का जिस्म ढला उस कोख का कारोबार किया
टैंक आगे बढ़ें कि पिछे हटेंकोख धरती की बाँझ होती है
अपनी गहनाती हुई कोख को महसूस किया है?जिस्म सौ बार जले तब भी वही मिट्टी है
कोख से माँ की जब से निकला हैबच्चा खोली के काले दिल में है
बम फटते हैंकोख में माओं के
ख़ुद अपने आप में ये काएनात डूब गईख़ुद अपनी कोख से फिर जगमगा के उभरेगी
तुम्हारी कोख से जन्मूँ तो फिर पनाह मिले!
कुछ लोग कहते हैं उदासी तन्हाई की कोख से जनम लेती हैमुमकिन है ठीक कहते हों
तू न उन की तरह भरना अर्सा-ए-फ़न में छलांगकोख ता ठंडी रहे बच्चों से और संदल से माँग
हर माँ अपनी कोख सेअपना शौहर ही पैदा करती है
जाने किस कोख ने जना इस कोजाने किस सेहन में जवान हुई
मेरी कोख-जाई होडाल से बँधा झूला
ऐटमों की कोख तकमदार-दर-मदार हर वजूद बे-क़रार है
और अपने पेट के अंदरअपनी कोख में
मुझे मालूम थाये दिन भी दुख की कोख से फूटा है
लेकिनउस की बीवी की कोख में
तिरा मुझ से कोख का नाता हैमिरे मन की पीड़ा जान ज़रा
यही तारीकी-ए-ग़म तो मिरा गहवारा हैमैं इसी कोख में था नूर-ए-सहर के मानिंद
रात की कोख सेसुब्ह की एक नन्ही किरन ने जनम यूँ लिया
और उस की कोख में ख़्वाबों का जादू आने वाली नित नई फ़सलों की ख़ुशबू भीचटख़ती और तपती सख़्त बे-हिस ख़ून की प्यासी चटानें भी
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