आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ku.nve.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "ku.nve.n"
नज़्म
कुएँ में तू ने यूसुफ़ को जो देखा भी तो क्या देखा
अरे ग़ाफ़िल जो मुतलक़ था मुक़य्यद कर दिया तू ने
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
मिरी तख़्लीक़ की मुझ को जहाँ की पासबानी दी
समुंदर मोतियों मूँगों से कानें लाल-ओ-गौहर से
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
कह रही है मेरी ख़ामोशी ही अफ़्साना मिरा
कुंज-ए-ख़ल्वत ख़ाना-ए-क़ुदरत है काशाना मिरा
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
जिन के चंगुल में शब ओ रोज़ हैं फ़रियाद-कुनाँ
मेरे बेकार शब ओ रोज़ की नाज़ुक परियाँ