आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kulliyat e jigar jigar moradabadi ebooks"
नज़्म के संबंधित परिणाम "kulliyat e jigar jigar moradabadi ebooks"
नज़्म
जिगर मुरादाबादी
नज़्म
पहले तो हुस्न-ए-अमल हुस्न-ए-यक़ीं पैदा कर
फिर इसी ख़ाक से फ़िरदौस-ए-बरीं पैदा कर
जिगर मुरादाबादी
नज़्म
वही है शोर-ए-हाए-ओ-हू, वही हुजूम-ए-मर्द-ओ-ज़न
मगर वो हुस्न-ए-ज़िंदगी, मगर वो जन्नत-ए-वतन
जिगर मुरादाबादी
नज़्म
जैसे दुख भरे दिन आते हैं हाथों में
ऐसे बे-बस आँसू आते हैं आँखों में ख़्वाब नहीं आते
शाइस्ता हबीब
नज़्म
हूक सी उठती हुई दिल में नुमायाँ देखना
दर्द-ओ-कुल्फ़त और जिगर में ज़ख़्म-ए-ख़ंदाँ देखना
टीका राम सुख़न
नज़्म
मुल्क की हालत पे सीनों से धुआँ उठता नहीं
साज़-ए-दिल ख़ामोश हैं शोर-ए-फ़ुग़ाँ उठता नहीं
शहज़ादी कुलसूम
नज़्म
यौम-ए-आज़ादी ने यूँ छिड़का फ़ज़ाओं में गुलाल
गुल्सिताँ से भीनी भीनी ख़ुशबुएँ आने लगीं
सय्यदा शान-ए-मेराज
नज़्म
कोई शिकारी बार बार बन में हमारे आए क्यों
चौकेंगे हम हज़ार बार कोई हमें डराए क्यों