aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "maa-qabl"
तुम अपने अक़ीदों के नेज़ेहर दिल में उतारे जाते हो
माँ सबक़ दे रही थी बच्चों कोआज का काम कल पे मत डालो
सूरज चंदा और सितारेकल फिर निकलेंगे ये सारे
बेटे इन को यूँ हैरत से मत देखोये अंकल हैं... इन से कोई बात करो
झूट की आदत बुरी है झूट मत बोला करोझूट की आदत रही तो एक दिन पछताओगे
में कब से ख़ाली सज्दे कर रहा थाग़लत लोगों पे झूटा मर रहा था
तअ'ल्लुक़ ख़त्म है नासिरमुझे अब काल मत करना
हर सू राम धड़ाके सेताक धिना-धिन
अनोखा लाडला खेलन को माँगे चाँदकैसी अनोखी बात रे
आज है मसख़रामेरी मुस्कान के वास्ते उस ने क्या क्या किया
छोटी सी औरततारीक घर में
कश्मकश से मुफ़िर कब हुआ है जो होजुंबिश-ए-चश्म-ए-साक़ी को पहचान लो
कब माँसेवइयाँ परोसेगी
मन बे-क़ाबूकौन उन्हें समझाए
घास पर खेलता है इक बच्चापास माँ बैठी मुस्कुराती है
मैं इक ग़ुलाम हूँमगर ये ज़ुल्म कब तलक सहूँ
निढाल हो करउदास लहजे में
अगर क़ब्रिस्तान मेंअलग अलग कत्बे न हों
सदा उठी कि बताया है कल ही हज़रत नेबड़ों की बात का हरगिज़ जवाब मत देना
तू हम सब की माँ होती हैहम सब तेरी गोद में आ कर
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