आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mak.dii"
नज़्म के संबंधित परिणाम "mak.dii"
नज़्म
शायद इस झोंपड़े की छत पे ये मकड़ी मिरी महरूमी की
जिसे तनती चली जाती है वो जाला तो नहीं हूँ मैं भी?
नून मीम राशिद
नज़्म
तुम्ही बताओ कि इस खंडर में जहाँ पे मकड़ी की सनअतें हों
जहाँ समुंदर हों तीरगी के