आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "masnavi dariya e ishq ebooks"
नज़्म के संबंधित परिणाम "masnavi dariya e ishq ebooks"
नज़्म
मैं कि हूँ प्यास के दरिया की तड़पती हुई मौज
पी चुका हूँ मैं समुंदर का समुंदर फिर भी
अली सरदार जाफ़री
नज़्म
दिल है पहलू में तो पैदा शेवा-ए-तुरकाना कर
जौर हफ़्त-अफ़्लाक के होते रहें परवा न कर
ज़फ़र अली ख़ाँ
नज़्म
हुई फिर इमतिहान-ए-इशक़ की तदबीर बिस्मिल्लाह
हर इक जानिब मचा कुहराम-ए-दार-ओ-गीर बिस्मिल्लाह
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
हर्फ़-ए-हक़ दिल से ज़बाँ तक ला रहा हूँ आज-कल
क़िस्सा-ए-दार-ओ-रसन दोहरा रहा हूँ आज-कल
मासूम शर्क़ी
नज़्म
धीमी धीमी बहने वाली एक नहर-ए-दिल-नशीं
आब-ए-जू छोटी सी इक नाज़ुक ख़िराम-ओ-नाज़नीं
सुरूर जहानाबादी
नज़्म
क्या नग़्मा-हा-ए-कैफ़ का दरिया बहा गया
ख़ुद हुस्न को जहाँ में हसीं-तर बना गया
जयकृष्ण चौधरी हबीब
नज़्म
इरफ़ान शहूद
नज़्म
तिफ़्ली में आरज़ू थी किसी दिल में हम भी हों
इक रोज़ सोज़-ओ-साज़ की महफ़िल में हम भी हों