आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mauqaa"
नज़्म के संबंधित परिणाम "mauqaa"
नज़्म
हज़ारों क़र्ज़ थे मुझ पर तुम्हारी उल्फ़त के
मुझे वो क़र्ज़ चुकाने का मौक़ा तो देते
ज़ुबैर अली ताबिश
नज़्म
हिमांशू शर्मा हिमांशू
नज़्म
नन्हे ने ये मौक़ा ताड़ा झट बावर्ची-ख़ाने पहुँचा
दूध पे आई थी जो मिलाई चुपके से उस को खाने पहुँचा
मीराजी
नज़्म
शौक़ से मौक़ा-शनासी की तवक़्क़ो भी ग़लत
मैं ने उन की शक्ल भी मुश्किल से पहचानी है आज