aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "mish.al-ba-kaf"
मिशअल-ब-कफ़ख़ेमों के बाहर जागते रहते
अज़ीम-तर है कि इस की शाख़ोंमें लाख मिशअल-ब-कफ़ सितारों
थी न कुछ तेग़ज़नी अपनी हुकूमत के लिएसर-ब-कफ़ फिरते थे क्या दहर में दौलत के लिए
खड़ी हैं ये भी रास्ते पे इक तरफ़ बयाज़-ए-आरज़ू-ब-कफ़नज़र नज़र में ना-रसा परस्तिशों की दास्ताँ
जो सर-ब-कफ़ थे,गिरे पड़े हैं
डूबते डूबतेउभरे हैं वो क़िंदील-ब-कफ़
ये कौन तीरों से खेलता हैये कौन ख़ंजर-ब-कफ़
बयाज़-ए-आरज़ू ब-कफ़नज़र नज़र में ना-रसा परस्तिशों की दास्ताँ
तमाम हिम्मत-ब-कफ़ दियानतकुआँ नया रोज़ खोदता है
रक़ीक़ फ़ुज़्ले से बनने वालीअजल-ब-कफ़ गैस की वजह से
ये एक ख़ंजर-ब-कफ़ करिश्माएक ज़हरीला जाम-ए-मय है
दरमियाँ में कोई साया चेहरा-ब-कफ़गोया तस्वीर तजरीद माहौल का कैनवस
अब बिजली के कोड़ों से हवाशमशीर-ब-कफ़ ज़ंजीर-ब-पा
हम सर-ब-कफ़ उठे हैं कि हक़ फ़तह-याब होकह दो उसे जो लश्कर-ए-बातिल के साथ है
उसे गुलाब-ब-कफ़ ख़ेमा-ए-जुनूँ तक लाऊँकुछ उस की ख़ैर ख़बर पूछूँ
सर-निगूँ नौहा-ब-लब नेज़ा-ब-कफ़माँ ये मीरास-ए-तमाशा
और ताबीरों के तपते हुए सहराओं मेंतिश्नगी आबला-पा शोला-ब-कफ़ मौज-ए-सराब
अभी गलियों मकानों की छतों पर डेवढ़ियों में ख़ामुशीख़ंजर-ब-कफ़ पहरे पे फ़ाएज़ है
हम शहर-ए-तफल्सुफ़ में हैं तदरीस की तनवीरशमशीर ब-कफ़ बाज़ू-ए-फ़ौलाद है हम से
शबाब-ओ-हुस्न की साग़र-ब-कफ़ हसीना कोलबों की नाज़ुकी ज़ुल्फ़ों की बरहमी बख़्शी
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