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नज़्म
हिसार उन का हर आफ़त और मुसीबत से बचाता है
उन्ही के हिफ़्ज़ से होती रही मुश्किल-कुशाई और मसीहाई
शहनाज़ परवीन शाज़ी
नज़्म
मुफ़लिसों का दहर में मुश्किल-कुशा कोई नहीं
ऐ 'ज़की' सच है ग़रीबों का ख़ुदा कोई नहीं
अब्दुल क़य्यूम ज़की औरंगाबादी
नज़्म
ज़िंदगी कुछ और शय है 'इल्म है कुछ और शय
ज़िंदगी सोज़-ए-जिगर है 'इल्म है सोज़-ए-दिमाग़
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
कश्ती का भरोसा न खिवय्ये का सहारा
हिम्मत के शनावर को भँवर भी है किनारा
सूफ़ी ग़ुलाम मुस्ताफ़ा तबस्सुम
नज़्म
ये गाते ज़लज़ले ये नाचते तूफ़ान के धारे
हवा की निय्यतों से बे-ख़बर मल्लाह बेचारे
मंज़ूर हुसैन शोर
नज़्म
क्यों न अपनी हस्ती-ए-नाशाद का शिकवा करूँ
रंज-ओ-ग़म घेरे हों जब मुझ को तो मैं भी क्या करूँ