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नज़्म
न जाने वक़्त की पैकार में तुम किस तरफ़ होगे
है रन ये ज़िंदगी इक रन जो बरपा लम्हा लम्हा है
जौन एलिया
नज़्म
अंजुम-ए-कम-ज़ौ गिरफ़्तार-ए-तिलिस्म-ए-माहताब
देखता क्या हूँ कि वो पैक-ए-जहाँ-पैमा ख़िज़्र
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
इश्क़ की मस्ती से है पैकर-ए-गिल ताबनाक
इश्क़ है सहबा-ए-ख़ाम इश्क़ है कास-उल-किराम
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
सरापा रंग-ओ-बू है पैकर-ए-हुस्न-ओ-लताफ़त है
बहिश्त-ए-गोश होती हैं गुहर-अफ़्शानियाँ उस की
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
था सरापा रूह तू बज़्म-ए-सुख़न पैकर तिरा
ज़ेब-ए-महफ़िल भी रहा महफ़िल से पिन्हाँ भी रहा
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
जन्नत तिरी पिन्हाँ है तिरे ख़ून-ए-जिगर में
ऐ पैकर-ए-गुल कोशिश-ए-पैहम की जज़ा देख!