आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "parindo.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "parindo.n"
नज़्म
जब्र से नस्ल बढ़े ज़ुल्म से तन मेल करें
ये अमल हम में है बे-इल्म परिंदों में नहीं
साहिर लुधियानवी
नज़्म
तआक़ुब में कभी गुम तितलियों के सूनी राहों में
कभी नन्हे परिंदों की नहुफ़्ता ख़्वाब-गाहों में
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
ये मेरा झोंपड़ा तारीक है गंदा है परागंदा है
हाँ कभी दूर दरख़्तों से परिंदों की सदा आती है
नून मीम राशिद
नज़्म
नून मीम राशिद
नज़्म
उठाए फिरतीं जवान परियों की महमिलों को
ये सेहन-ए-क़र्या है उन जगहों पर घनी खजूरों की सब्ज़ शाख़ें
अली अकबर नातिक़
नज़्म
तुम्हारे भी मन में परिंदों की चहकार फिर से उतरने लगी है?
कोई भूली-बिसरी सी सरगोशी...
आरिफ़ा शहज़ाद
नज़्म
अमीक़ हनफ़ी
नज़्म
मुझे परिंदों की बोली क्यूँ समझ में आती है
मुझे शरारत करना क्यूँ भाता है अब तक