आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "pasa.ndiyaa.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "pasa.ndiyaa.n"
नज़्म
सब के लिए ना-पसंदीदा उड़ती मक्खी
कितनी आज़ादी से मेरे मुँह और मेरे हाथों पर बैठती है
किश्वर नाहीद
नज़्म
मुझे उन वादियों में सैर की ख़्वाहिश नहीं बाक़ी
मुझे उन बादलों से राज़ की बातें नहीं करनी
प्रेम कुमार नज़र
नज़्म
सब्ज़े से ढकी पहाड़ियाँ कितनी भी हसीन हों
सोने से ढकी पहाड़ियों की बात ही अलग है
मोहम्मद हनीफ़ रामे
नज़्म
या अपनी पसंदीदा मौसीक़ी सुनने का दिन हो
दरख़्तों में छुप कर किसी से लिपटने का दिन हो
असग़र नदीम सय्यद
नज़्म
ख़ुद-बख़ुद उठ जाएँगी पाबंदियाँ माहौल की
इक ज़रा हम जज़्बा-ए-वहशत-फ़ज़ा पैदा करें