आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "pha.daktii"
नज़्म के संबंधित परिणाम "pha.daktii"
नज़्म
मैं ख़ुद में झेंकता हूँ और सीने में भड़कता हूँ
मिरे अंदर जो है इक शख़्स मैं उस में फड़कता हूँ
जौन एलिया
नज़्म
जिस की मेहनत से फबकता है तन-आसानी का बाग़
जिस की ज़ुल्मत की हथेली पर तमद्दुन का चराग़
जोश मलीहाबादी
नज़्म
और कश्ती के लिए इतनी मोहब्बत से तुम आगे बढ़ना
कि समुंदर की फ़राख़ी भी बहुत कम पड़ जाए
फ़ाज़िल जमीली
नज़्म
दाद देनी हो तो यूँ देता हूँ इक इक लफ़्ज़ पर
लफ़्ज़ पूरा भी नहीं होता फड़क जाता हूँ मैं