आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "pusht-e-KHam-e-iltijaa"
नज़्म के संबंधित परिणाम "pusht-e-KHam-e-iltijaa"
नज़्म
रह-ए-मंज़िल में हम दुश्वारियों का ग़म नहीं करते
गुज़र जाते हैं हँस कर फ़िक्र-ए-पेच-ओ-ख़म नहीं करते
मुनीर वाहिदी
नज़्म
तोलस्तोय था जो दुनिया के अदीबों का इमाम
हिन्द में वाक़िफ़ है उस के नाम से हर ख़ास-ओ-आम
प्रेम लाल शिफ़ा देहलवी
नज़्म
फ़रोग़-ए-चेहरा-ए-मेहनत, ग़ुबार-ए-दामन-ए-दौलत
नम-ए-पेशानी-ए-ग़ैरत, ख़म-ए-ज़ुल्फ़-ए-रसा होता
जमील मज़हरी
नज़्म
इक़बाल सुहैल
नज़्म
उलझ कर रह गए हैं मुद्दइ'यान-ए-रुबूबिय्यत
ख़याल-ए-ख़ाम बिल-आख़िर ख़याल-ए-ख़ाम है साक़ी