aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "putlo.n"
कई दस्त-ए-चाबुक के बे-जान पुतलेमरे और तिरे दरमियाँ सज गए थे
असली रावन जब है ज़िंदाक्यों पुतलों को आग लगाएँ
कई दस्त-ए-चाबुक के बे-जान पुतलेमिरे और तिरे दरमियाँ सज गए थे
ख़ूबसूरत फ़रिश्तों की जमाअतइक मुद्दत से मिट्टी के पुतलों
सीढ़ियाँ चढ़ते हुए उस ने ये सोचा होगाराहदारी में हरे लॉन में फूलों के क़रीब
फूलों को आए जिस दम शबनम वज़ू करानेरोना मिरा वज़ू हो नाला मिरी दुआ हो
तेरे होंटों के फूलों की चाहत में हमदार की ख़ुश्क टहनी पे वारे गए
कुम्हलाए हुए फूलों की तरह कुम्हलाए हुए से रहते हैंपामाल न कर बर्बाद न कर
दुनिया अम्न और ख़ुश-हाली के फूलों से सजाई जाएगीवो सुब्ह हमीं से आएगी
ये सब्ज़े ये फूलों-भरी क्यारियाँये पंछी ये उड़ती हुई तितलियाँ
कई लफ़्ज़ों के मअ'नी गिर पड़े हैंबिना पत्तों के सूखे तुंड लगते हैं वो सब अल्फ़ाज़
आई बहार कलियाँ फूलों की हंस रही हैंमैं इस अँधेरे घर में क़िस्मत को रो रहा हूँ
हैं फूलों की डाली पे बाँहें तुम्हारीहैं ख़ामोश जादू निगाहें तुम्हारी
हम पालनहार हैं फूलों केहम ख़ुश्बू के रखवाले हैं
ज़र्द पत्तों का बनज़र्द पत्तों का बन जो मिरा देस है
जो ख़ून हम ने नज़्र दिया है ज़मीन कोवो ख़ून है गुलाब के फूलों के वास्ते
फ़ौजों के भयानक बैंड तले चर्खों की सदाएँ डूब गईंजीपों की सुलगती धूल तले फूलों की क़बाएँ डूब गईं
ये तीन कोट हैं पतलून हैं ये टाइयाँ हैंबंधी हुई हैं ये सब तुम को कुछ नहीं करना
बेकल फूलों कोशाख़ों पे बिलकते मत छोड़ो
ये फूलों के गजरे ये पीकों के छींटेये बेबाक नज़रें ये गुस्ताख़ फ़िक़रे
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