aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "rage.n"
आँखों की नाज़ुक रगें छीलते हैंमगर मैं इक साल की गोद में जागती सुब्ह को
मिरी रगें छिलती जराहत को कौन बख़्शेशिफ़ा की शबनम
सारी की सारी निचोड़ूँ ये रगें, साफ़ करूँभर दूँ रेशम की जलाई हुई बुक्की इन में
शजर हजर नहीं कि हमहमेशा पा-ब-गिल रहें
ख़ाली हों लहू से जिस की रगें वो दिल का शरारा क्या रक्खेईमान की लज़्ज़त दीं का भरम इफ़्लास का मारा क्या रक्खे
रगें ज़मीं के मनाज़िर की पड़ चलीं ढीलीये ख़स्ता-हाली ये दरमांदगी ये सन्नाटा
देख हैजान से लर्ज़ां हैं ये आरिज़ की रगेंआज उस जिन्स-ए-गिराँ-बार को अर्ज़ां कर लें
रगें माँ की दुरीदों से न बिछड़ी थींमैं अपने जिस्म से कुछ फ़ासले पर था
गरमा दे रगें उस की इमारत के लहू सेजिस हस्ती-ए-बे-माया का ग़ुर्बत है सहारा
जिन पर ताँत सी नीली रगें फूली हुईनन्हे-मुन्ने केचुओं की तरह
दम-ब-दम दामन-कशाँ था रात भी गहरे समुंदर का फ़ुसूँखिंच रही थीं रात की नीली रगें
अब किसी लम्हे रगें फटने का ख़तरा हैमगर मसरूफ़ हूँ सब काम निपटाने की जल्दी है
हमारी बिखरी सफ़ों की तरफ़ लपकती हैंबदन हैं बर्फ़, रगें रहगुज़ार-ए-रेग-ए-रवाँ
जब रगें टूटने लग जाएँ लहू की गर्दिशजिस घड़ी जिस्म में थम जाए तो इक लम्हे को
अपने ही तो नहींचार-सू है रगें काटती ज़महरीरी हुआ
कभी मेरी आँखें नोचते हैंकभी उन की लहर-ए-मिंक़ार से मेरे दिल की रगें
नहूसत के अव्वलीं दिनों मेंब्लैक विडो की राल से नीली रगें कात रही होंगी
फिर इरादों की छाती में नीली रगें मुंजमिद हो गईंफिर बदन की फ़सीलों के साए बने
कि जब रगों से रगें न मिल पाएँगीतो कैसे
रगें उस कीकट कट चुकी हैं
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