आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sar-e-aa.iina"
नज़्म के संबंधित परिणाम "sar-e-aa.iina"
नज़्म
यौम-ए-आज़ादी ने यूँ छिड़का फ़ज़ाओं में गुलाल
गुल्सिताँ से भीनी भीनी ख़ुशबुएँ आने लगीं
सय्यदा शान-ए-मेराज
नज़्म
बुनियाद-ए-ग़ुरूर-ओ-किब्र-ओ-अना को ठोकर से ढा देती है
तदबीर की आख़िर नाकामी तक़दीर को मनवा देती है
सरीर काबिरी
नज़्म
ला, तबर ख़ून के दरिया में नहाने दे मुझे
सर-ए-पुर-नख़वत-ए-अर्बाब-ए-ज़माँ तोडूँगा