आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "shaadii-shuda"
नज़्म के संबंधित परिणाम "shaadii-shuda"
नज़्म
कँवारे लोग तो हर मुल्क में आज़ाद फिरते हैं
मगर शादी-शुदा क़िस्मत के मारे एक जैसे हैं
खालिद इरफ़ान
नज़्म
खट... खट... कौन? सबीहा! कैसे? यूँही, कोई काम नहीं
पिछली रात.. भयानक गैरज.. क्या कुछ हो अंजाम.. नहीं