aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "sham-e-amn"
फैलता फैलता शाम-ए-ग़म का धुआँइक उदासी का तनता हुआ साएबाँ
शहर-ए-दिल की गलियों मेंशाम से भटकते हैं
इन की क़िस्मत में शब-ए-माह को रोना कैसाइन के सीने में न हसरत न तमन्ना कोई
चराग़ राह में उस के अमल से जलने लगेलो आज सुब्ह-ए-शब-ए-इंतिज़ार आ ही गई
उजाला सा उजाला है तिरी शम-ए-हिदायत काशब-ए-तीरा में भी इक रौशनी महसूस होती है
शाम की धुँध्लाहटों में दूर कोई कारवाँकोहसारों से उतर कर जैसे मैदानों में आए
मुंतज़िर है तेरी क़ुर्बां-गाह-ए-अम्न
फूटेगी सुब्ह-ए-अम्न लहू-रंग ही सही
चलो ये पूछें तबाही के काश्त-कारों सेब-नाम-ए-अम्न कहाँ तक लहू बहाओगे
ये इक शाम-ए-अज़ाब-ए-बे-सरोकाराना हालत हैहुए जाने की हालत में हूँ बस फ़ुर्सत ही फ़ुर्सत है
ब-नाम-ए-अम्न हैं जंग-ओ-जदल के मंसूबेब-शोर-ए-अद्ल तफ़ावुत के कार-ख़ाने हैं
मुराद-ए-अम्न पकड़ते हैंझुकी शाख़ों के होंटों पर
उरूस-ए-अम्न की आग़ोश में दर आई है
ओ अम्न के ग़ारत-गर दुश्मनतू उस दिन से भी डर दुश्मन
बुझा सकती नहीं है कोई आँधीयुंही रौशन रहेगी शम्अ'-ए-गाँधी
बदलेगा रंग शाम-ए-अलममेरे बाद आ
सुल्ह ओ अम्न-ओ-अमाँ हो चार तरफ़आफ़ियत हुक्मराँ हो चार तरफ़
गुलशन-ए-अम्न से जिस की है दोस्तीदर-हक़ीक़त वही है बड़ा आदमी
शम-ए-वहदत जले
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books