आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "shoKHiyo.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "shoKHiyo.n"
नज़्म
यहाँ पर शोख़ियों की बे-कराँ मौजें बहाईं हैं
यहाँ बज़में सजाई हैं यहाँ धूमें मचाई हैं
अब्दुल अहद साज़
नज़्म
पारा पारा अब्र सुर्ख़ी सुर्ख़ियों में कुछ धुआँ
भूली-भटकी सी ज़मीं खोया हुआ सा आसमाँ
जोश मलीहाबादी
नज़्म
वो मुस्कुराती आँखें जिन में रक़्स करती है बहार
शफ़क़ की गुल की बिजलियों की शोख़ियाँ लिए हुए
फ़िराक़ गोरखपुरी
नज़्म
पहले थीं वो शोख़ियाँ जो आफ़त-ए-जाँ हो गईं
''लेकिन अब नक़्श-ओ-निगार-ए-ताक़-ए-निस्याँ हो गईं''