आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sultaana"
नज़्म के संबंधित परिणाम "sultaana"
नज़्म
मैं तलाश कर रही थी ग़म-ए-दिल का कुछ बहाना
मिरी राह में ये नाहक़ कहाँ आ गया ज़माना
राबिया सुलताना नाशाद
नज़्म
गोशा-ए-दिल में तेरा दर्द छुपाया मैं ने
चश्म-ए-तर को भी न ये राज़ बताया मैं ने
राबिया सुलताना नाशाद
नज़्म
बयाज़-ए-दिल को जो खोलें तो जुस्तुजू होगी
हर एक सफ़्हा-ए-हस्ती की गुफ़्तुगू होगी
बेगम सुल्ताना ज़ाकिर अदा
नज़्म
राबिया सुलताना नाशाद
नज़्म
आप के हाथों ने समझा मार के क़ाबिल मुझे
मैं निगोड़ी तो ये समझी मिल गई मंज़िल मुझे