aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "talvaar"
पर तिरे नाम पे तलवार उठाई किस नेबात जो बिगड़ी हुई थी वो बनाई किस ने
पसंद इस को तकरार की ख़ू नहींकि तू मैं नहीं और मैं तू नहीं
निगाह-ए-मुसलमाँ को तलवार कर दे
तलवार का धनी था शुजाअ'त में फ़र्द थापाकीज़गी में जोश-ए-मोहब्बत में फ़र्द था
इक लपकता हुआ शो'ला हूँ मैंएक चलती हुई तलवार हूँ मैं
हर एक दुश्मन-ए-जाँ को कहूँ मैं हमदम-ओ-यारजो काटती है सर-ए-हक़ वो चूम लूँ तलवार
किसी भी रात से तारीक नहीं की जा सकतीकिसी तलवार से काटी नहीं जा सकती
तोप तलवार न ये तेग़-ओ-तबर रखती हैबिंत-ए-हव्वा की तरह तीर-ए-नज़र रखती है
मेरी आँखों ने जिसे फूल से नाज़ुक समझाअब वो चलती हुई तलवार बनी बैठी है
कोई ताबिंदा किरन यूँ मिरे दिल पर लपकीजैसे सोए हुए मज़लूम पे तलवार उठे
क़त्ल और ख़ूँ की सियासत के तरफ़-दार नहींदाफ़े-ए-जंग फ़क़त फूल हैं तलवार नहीं
इस की किरनों में है चलती हुई तलवार की काटइस की सुर्ख़ी में है उमडे हुए दरिया का बहाव
आग़ोश में तलवार है घूँघट में बनी हैक्या गुल-बदनी गुल-बदनी गुल-बदनी है
नए ख़याल की पर्वाज़ रोकने वालोनए अवाम की तलवार कौन रोकेगा
सुनो तलवार भी हूँ मैंखड़ी है जो कि तूफ़ाँ में
आज़मूदा पुरानी तलवार मुड़ गई हैजो कज-कुलह साहिब-ए-हशम थे
चमकीले मुश्की घोड़े पर हवा से बातें करताजिगर जिगर करती तलवार से जंगल काटता आया
ख़ाक पर रेंगने वाले ये फ़सुर्दा ढाँचेइन की नज़रें कभी तलवार बनी हैं न बनीं
तू न चाहे भी तो आफ़ाक़ हँसेगा मुझ परवक़्त के हाथ में टूटी हुई तलवार हूँ मैं
इक ऐसी धार की तलवार है जिस पर गुज़रना हैमुझे और ज़िंदगी के ज़ख़्म को टाँके लगाना हैं
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books