आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ulTii"
नज़्म के संबंधित परिणाम "ulTii"
नज़्म
राजा मेहदी अली ख़ाँ
नज़्म
अबुल फ़ितरत मीर ज़ैदी
नज़्म
देख सय्याह उसे रात के सन्नाटे में
मुँह से अपने मह-ए-कामिल ने जब उल्टी हो नक़ाब
चकबस्त बृज नारायण
नज़्म
उल्टी गंगा बहती है बहने दो उस को छोड़ो
अपने जीवन धारा को तुम सीधे रुख़ पर मोड़ो
मोहम्मद हाज़िम हस्सान
नज़्म
क्यों चली कैसे चली उल्टी ज़माने की हवा क्या लहू एक नहीं
एक भाई ने किसी भाई का घर लूट लिया