आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "zahraab-e-zindagaanii"
नज़्म के संबंधित परिणाम "zahraab-e-zindagaanii"
नज़्म
तिरे लबों की मिठास से शक्करीं है ज़हराब-ए-जिंदगानी
तिरा तबस्सुम कली कली में तिरा तरन्नुम चमन चमन में
मजीद अमजद
नज़्म
यक़ीं मोहकम अमल पैहम मोहब्बत फ़ातेह-ए-आलम
जिहाद-ए-ज़िंदगानी में हैं ये मर्दों की शमशीरें
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
मार्क्स ने साइंस ओ इंसाँ को किया है हम-कनार
ज़ेहन को बख़्शा शुऊर-ए-ज़िंदगानी का निसाब
वामिक़ जौनपुरी
नज़्म
आए अजल की ज़ौ पर जब अपनी उम्र-ए-फ़ानी
और ख़त्म रफ़्ता रफ़्ता हो सैल-ए-ज़िंदगानी
सुरूर जहानाबादी
नज़्म
निज़ाम-ए-ज़िंदगानी पर बड़ा एहसान है इस का
बहुत आसानियाँ इस में मिलें तब्लीग़-ए-फ़ितरत को
अलम मुज़फ़्फ़र नगरी
नज़्म
सिर्फ़ दुश्मन रौशनी का इंतिज़ार-ए-ज़िंदगानी ग़ज़वा-ए-ख़ंदक़ हुई
इस क़दर देखा कि ना-बीना हुए
साक़ी फ़ारुक़ी
नज़्म
वो रामायण का लिखना शाहकार-ए-ज़िंदगानी है
मैं उस इंसान-ए-कामिल को मोहब्बत पेश करता हूँ
तकमील रिज़वी लखनवी
नज़्म
वो चुहलें याद भी जिन की सुरूर-ए-ज़िंदगानी है
हमारे देस की बरसात भी कैसी सुहानी है