aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
शब्दार्थ
एक साहिर कभी गुज़रा था इधर से 'अम्बर'
जा-ए-हैरत कि सभी उस के असर में हैं अभी
"क्यूँ न हों शाद कि हम राहगुज़र में हैं अभी" ग़ज़ल से की अम्बर बहराईची
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