aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
शब्दार्थ
अक्स किस चीज़ का आईना-ए-हैरत में नहीं
तेरी सूरत में है क्या जो मेरी सूरत में नहीं
"अक्स किस चीज़ का आईना-ए-हैरत में नहीं" ग़ज़ल से की असग़र गोंडवी
Jashn-e-Rekhta 10th Edition | 5-6-7 December Get Tickets Here