aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Abdul Aziz Khalid's Photo'

अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद

1927 - 2010 | पाकिस्तान

अहम पाकिस्तानी शायर और अनुवादक जिन्होंने विश्वसाहित्य के अनुवाद के साथ ‘गीतांजली’ का उर्दू अनुवाद भी किया

अहम पाकिस्तानी शायर और अनुवादक जिन्होंने विश्वसाहित्य के अनुवाद के साथ ‘गीतांजली’ का उर्दू अनुवाद भी किया

अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद

ग़ज़ल 18

नज़्म 1

 

अशआर 19

किस को नहीं कोताही-ए-क़िस्मत की शिकायत

किस को गिला-ए-गर्दिश-ए-अय्याम नहीं है

जान का सर्फ़ा हो तो हो लेकिन

सर्फ़ करने से इल्म बढ़ता है

मैं फ़क़त एक ख़्वाब था तेरा

ख़्वाब को कौन याद रखता है

परखने वाले परखेंगे इसी मेआ'र पर हम को

जहाँ से क्या लिया हम ने जहाँ को क्या दिया हम ने

छिलकों के हैं अम्बार मगर मग़्ज़ नदारद

दुनिया में मुसलमाँ तो हैं इस्लाम नहीं है

रुबाई 11

पुस्तकें 34

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए