Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Abhishek Kumar Amber's Photo'

अभिषेक कुमार अम्बर

2000 | दिल्ली, भारत

अभिषेक कुमार अम्बर के शेर

1.7K
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

उसे मैं क्यूँ मोहब्बत से देखूँ

वो मेरा पहला पहला प्यार ठहरा

वो अब भी दिल दुखा देता है मेरा

वो मेरा दोस्त है दुश्मन नहीं है

क्या भरोसा ज़िंदगी का हम करें

आज हम में जान है कल हो हो

तुम्हारे साथ रहने के लिए भी

हमें कोई बहाना चाहिए अब

उस ने पूछा है क्या मोहब्बत है

अब भला क्या जवाब दूँ उस को

एक दिन लौट कर मैं आउँगा

हो सके इंतिज़ार कर लेना

तेरा अफ़्साना छेड़ कर कोई

आज जागेगा रात-भर कोई

वो मिरे साथ यूँ रहा जैसे

काटता हो कोई सज़ा जैसे

सर-ए-महफ़िल मैं क्यूँ ख़ामोश रह कर

सभी लोगों के तेवर देखता हूँ

तोड़ कर वा'दा जा नहीं सकता

वो मिरा दिल दुखा नहीं सकता

फ़ाक़े का दिन आज है 'अम्बर'

अल्लाह के मेहमान बने हैं

Recitation

Jashn-e-Rekhta 10th Edition | 5-6-7 December Get Tickets Here

बोलिए