aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

1911 - 1984 | लाहौर, पाकिस्तान

सबसे प्रख्यात एवं प्रसिद्ध शायर। अपने क्रांतिकारी विचारों के कारण कई साल कारावास में रहे

सबसे प्रख्यात एवं प्रसिद्ध शायर। अपने क्रांतिकारी विचारों के कारण कई साल कारावास में रहे

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क़ुर्बतों में भी जुदाई के ज़माने माँगे

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

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शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

Taazaa hai abhi yaad mein ai gulfaam

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

ऐ रौशनियों के शहर

सब्ज़ा सब्ज़ा सूख रही है फीकी ज़र्द दोपहर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

क़ैद-ए-तन्हाई

दूर आफ़ाक़ पे लहराई कोई नूर की लहर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

कोई 'आशिक़ किसी महबूबा से!

गुलशन-ए-याद में गर आज दम-ए-बाद-ए-सबा फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

ख़त्म हुई बारिश-ए-संग

ना-गहाँ आज मिरे तार-ए-नज़र से कट कर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

गिरानी-ए-शब-ए-हिज्राँ दो-चंद क्या करते

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

गो सब को बहम साग़र ओ बादा तो नहीं था

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

चंद रोज़ और मिरी जान

चंद रोज़ और मिरी जान फ़क़त चंद ही रोज़ फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

जिस रोज़ क़ज़ा आएगी

किस तरह आएगी जिस रोज़ क़ज़ा आएगी फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

तराना

दरबार-ए-वतन में जब इक दिन सब जाने वाले जाएँगे फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

तीन आवाज़ें

ज़ालिम फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैं

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

पाँव से लहू को धो डालो

हम क्या करते किस रह चलते फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

फ़र्श-ए-नौमीदी-ए-दीदार

देखने की तो किसे ताब है लेकिन अब तक फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

बुनियाद कुछ तो हो

कू-ए-सितम की ख़ामुशी आबाद कुछ तो हो फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

मिरे हमदम मिरे दोस्त!

गर मुझे इस का यक़ीं हो मिरे हमदम मिरे दोस्त फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

मौज़ू-ए-सुख़न

गुल हुई जाती है अफ़्सुर्दा सुलगती हुई शाम फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

याद

दश्त-ए-तन्हाई में ऐ जान-ए-जहाँ लर्ज़ां हैं फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

वो बुतों ने डाले हैं वसवसे कि दिलों से ख़ौफ़-ए-ख़ुदा गया

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

शीशों का मसीहा कोई नहीं

मोती हो कि शीशा जाम कि दुर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

हम जो तारीक राहों में मारे गए

तेरे होंटों के फूलों की चाहत में हम फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

हम तो मजबूर थे इस दिल से

हम तो मजबूर थे इस दिल से कि जिस में हर दम फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

हमारे दम से है कू-ए-जुनूँ में अब भी ख़जिल

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

हार्ट-अटैक

दर्द इतना था कि उस रात दिल-ए-वहशी ने फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

jis roz qaza aaegi

किस तरह आएगी जिस रोज़ क़ज़ा आएगी फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

mere milne wale

वो दर खुला मेरे ग़म-कदे का फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

mulaqat

ये रात उस दर्द का शजर है फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

sar-e-wadi-e-sina

फिर बर्क़ फ़रोज़ाँ है सर-ए-वादी-ए-सीना फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

shishon ka masiha koi nahin

मोती हो कि शीशा जाम कि दुर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

tanhai

फिर कोई आया दिल-ए-ज़ार नहीं कोई नहीं फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

आज इक हर्फ़ को फिर ढूँडता फिरता है ख़याल

आज इक हर्फ़ को फिर ढूँडता फिरता है ख़याल फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो

चश्म-ए-नम जान-ए-शोरीदा काफ़ी नहीं फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

आज शब कोई नहीं है

आज शब दिल के क़रीं कोई नहीं है फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

''आप की याद आती रही रात भर''

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

इंतिसाब

आज के नाम फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

एक शहर-आशोब का आग़ाज़

अब बज़्म-ए-सुख़न सोहबत-ए-लब-सोख़्तगाँ है फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

कहाँ जाओगे

और कुछ देर में लुट जाएगा हर बाम पे चाँद फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

ख़ुर्शीद-ए-महशर की लौ

आज के दिन न पूछो मिरे दोस्तो फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

ख़ुशा ज़मानत-ए-ग़म

दयार-ए-यार तिरी जोशिश-ए-जुनूँ पे सलाम फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

गर्मी-ऐ-शौक़-ऐ-नज़ारा का असर तो देखो

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

चंद रोज़ और मिरी जान

चंद रोज़ और मिरी जान फ़क़त चंद ही रोज़ फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

ज़िंदाँ की एक शाम

शाम के पेच-ओ-ख़म सितारों से फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

ज़िंदाँ की एक सुब्ह

रात बाक़ी थी अभी जब सर-ए-बालीं आ कर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

तुम ये कहते हो अब कोई चारा नहीं

तुम ये कहते हो वो जंग हो भी चुकी! फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

तराना

दरबार-ए-वतन में जब इक दिन सब जाने वाले जाएँगे फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

तौक़-ओ-दार का मौसम

रविश-रविश है वही इंतिज़ार का मौसम फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

दुआ

आइए हाथ उठाएँ हम भी फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

दर्द आएगा दबे पाँव

और कुछ देर में जब फिर मिरे तन्हा दिल को फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

दरीचा

गड़ी हैं कितनी सलीबें मिरे दरीचे में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

दस्त-ए-तह-ए-संग-आमदा

बेज़ार फ़ज़ा दरपा-ए-आज़ार सबा है फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

न किसी पे ज़ख़्म अयाँ कोई न किसी को फ़िक्र रफ़ू की है

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

निसार मैं तेरी गलियों के

निसार मैं तिरी गलियों के ऐ वतन कि जहाँ फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

फ़िक्र-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ तो छूटेगी

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

बुनियाद कुछ तो हो

कू-ए-सितम की ख़ामुशी आबाद कुछ तो हो फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

बहार आई

बहार आई तो जैसे यक-बार फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

बहार आई

बहार आई तो जैसे यक-बार फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

रफ़ीक़-ए-राह थी मंज़िल हर इक तलाश के ब'अद

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

लहू का सुराग़

कहीं नहीं है कहीं भी नहीं लहू का सुराग़ फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

लौह-ओ-क़लम

हम परवरिश-ए-लौह-ओ-क़लम करते रहेंगे फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

वहीं हैं दिल के क़राइन तमाम कहते हैं

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

शफ़क़ की राख में जल बुझ गया सितारा-ए-शाम

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

शोर-ए-बरबत-ओ-नय

पहली आवाज़ फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

सुब्ह-ए-आज़ादी (अगस्त-47)

ये दाग़ दाग़ उजाला ये शब-गज़ीदा सहर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

सोचने दो

इक ज़रा सोचने दो फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

हम ने सब शेर में सँवारे थे

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

हम पर तुम्हारी चाह का इल्ज़ाम ही तो है

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

हम सादा ही ऐसे थे की यूँ ही पज़ीराई

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

हम सादा ही ऐसे थे की यूँ ही पज़ीराई

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

हमीं से अपनी नवा हम-कलाम होती रही

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

हिज्र की राख और विसाल के फूल

आज फिर दर्द-ओ-ग़म के धागे में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

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Tujh ko kitno ka lahoo chaheye

Tujh ko kitno ka lahoo chaheye टीना सानी

Ye raat us dard ka shajar hai (Faiz Ahmad Faiz)- read by Zia Mohiuddin

Ye raat us dard ka shajar hai (Faiz Ahmad Faiz)- read by Zia Mohiuddin ज़िया मोहीउद्दीन

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए रुना लैला

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए अज्ञात

आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो

आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो नय्यरा नूर

आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो

आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो नय्यरा नूर

ईरानी तलबा के नाम

ईरानी तलबा के नाम ज़ेहरा निगाह

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले इक़बाल अशहर

चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का

चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का फ़रीदा ख़ानम

जब तेरी समुंदर आँखों में

जब तेरी समुंदर आँखों में नय्यरा नूर

जमेगी कैसे बिसात-ए-याराँ कि शीशा ओ जाम बुझ गए हैं

जमेगी कैसे बिसात-ए-याराँ कि शीशा ओ जाम बुझ गए हैं फ़रीदा ख़ानम

ढाका से वापसी पर

ढाका से वापसी पर नय्यरा नूर

तुम अपनी करनी कर गुज़रो

तुम अपनी करनी कर गुज़रो मनमीत नारंग

तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है

तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है नूर जहाँ

तिरी उमीद तिरा इंतिज़ार जब से है

तिरी उमीद तिरा इंतिज़ार जब से है अमानत अली ख़ान

दिल में अब यूँ तिरे भूले हुए ग़म आते हैं

दिल में अब यूँ तिरे भूले हुए ग़म आते हैं अज्ञात

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के फ़रीदा ख़ानम

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के हबीब वली मोहम्मद

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के मेहदी हसन

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के उस्बताद बरकत अली ख़ान

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के उस्उताद म्मीद अली ख़ान

निसार मैं तेरी गलियों के

निसार मैं तेरी गलियों के ज़िया मोहीउद्दीन

फिर आईना-ए-आलम शायद कि निखर जाए

फिर आईना-ए-आलम शायद कि निखर जाए नय्यरा नूर

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात

मिरे हमदम मिरे दोस्त!

मिरे हमदम मिरे दोस्त! अज्ञात

मिरे हमदम मिरे दोस्त!

मिरे हमदम मिरे दोस्त! अज्ञात

यूँ सजा चाँद कि झलका तिरे अंदाज़ का रंग

यूँ सजा चाँद कि झलका तिरे अंदाज़ का रंग फ़रीदा ख़ानम

रात यूँ दिल में तिरी खोई हुई याद आई

रात यूँ दिल में तिरी खोई हुई याद आई नय्यरा नूर

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई नसीम बेगम

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई नसीम बेगम

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई उस्उताद म्मीद अली ख़ान

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई फ़रीदा ख़ानम

तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है

तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है उस्उताद म्मीद अली ख़ान

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के नूर जहाँ

aaj bazaar me pa ba jaulaan chalo

aaj bazaar me pa ba jaulaan chalo फरीहा परवेज़

bol

bol ज़ेहरा निगाह

dildar dekhna

dildar dekhna फ़रीदा ख़ानम

dil-e-man musafir-e-man

dil-e-man musafir-e-man टीना सानी

dil-e-man musafir-e-man

dil-e-man musafir-e-man इक़बाल बानो

dil-e-man musafir-e-man

dil-e-man musafir-e-man ज़िया मोहीउद्दीन

do ishq

do ishq हमीदा बानो

do ishq

do ishq ज़ेहरा निगाह

hijr ki rakh aur visal ke phul

hijr ki rakh aur visal ke phul ज़िया मोहीउद्दीन

hum to majbur-e-wafa hain

hum to majbur-e-wafa hain टीना सानी

jab teri samundar aankhon mein

jab teri samundar aankhon mein अज्ञात

KHatm hui barish-e-sang

KHatm hui barish-e-sang अज्ञात

KHuda wo waqt na lae

KHuda wo waqt na lae तलअत महमूद

KHuda wo waqt na lae

KHuda wo waqt na lae अज्ञात

KHurshid-e-mahshar ki lau

KHurshid-e-mahshar ki lau ज़ेहरा निगाह

kya karen

kya karen अज्ञात

lauh-o-qalam

lauh-o-qalam अज्ञात

main tere sapne dekhun

main tere sapne dekhun अज्ञात

mauzu-e-suKHan

mauzu-e-suKHan आबिदा परवीन

mauzu-e-suKHan

mauzu-e-suKHan ज़िया मोहीउद्दीन

mere dard ko jo zaban mile

mere dard ko jo zaban mile अज्ञात

mere dard ko jo zaban mile

mere dard ko jo zaban mile नय्यरा नूर

mere hamdam mere dost

mere hamdam mere dost अज्ञात

mulaqat

mulaqat ज़िया मोहीउद्दीन

sham

sham ज़िया मोहीउद्दीन

shishon ka masiha koi nahin

shishon ka masiha koi nahin अज्ञात

shishon ka masiha koi nahin

shishon ka masiha koi nahin विविध

tin aawazen - Part 2

tin aawazen - Part 2 अज्ञात

tum apni karni kar guzro

tum apni karni kar guzro अज्ञात

अगस्त-1952

अगस्त-1952 रुना लैला

अंजाम

अंजाम मेहरान अमरोही

अब वही हर्फ़-ए-जुनूँ सब की ज़बाँ ठहरी है

अब वही हर्फ़-ए-जुनूँ सब की ज़बाँ ठहरी है नोमान शौक़

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए अहमद फ़राज़

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए मेहदी हसन

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए अज्ञात

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए अज्ञात

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए जगजीत सिंह

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए सज्जाद हुसैन

आख़िरी ख़त

आख़िरी ख़त मेहरान अमरोही

आज इक हर्फ़ को फिर ढूँडता फिरता है ख़याल

आज इक हर्फ़ को फिर ढूँडता फिरता है ख़याल सुरेश वाडेकर

आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो

आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो सुरेश वाडेकर

आज यूँ मौज-दर-मौज ग़म थम गया इस तरह ग़म-ज़दों को क़रार आ गया

आज यूँ मौज-दर-मौज ग़म थम गया इस तरह ग़म-ज़दों को क़रार आ गया सुखविंदर

आज शब कोई नहीं है

आज शब कोई नहीं है मेहरान अमरोही

इंतिज़ार

इंतिज़ार मेहरान अमरोही

इंतिसाब

इंतिसाब नय्यरा नूर

इंतिसाब

इंतिसाब नसीरुद्दीन शाह

इंतिसाब

इंतिसाब अज्ञात

इश्क़ मिन्नत-कश-ए-क़रार नहीं

इश्क़ मिन्नत-कश-ए-क़रार नहीं इक़बाल बानो

इश्क़ मिन्नत-कश-ए-क़रार नहीं

इश्क़ मिन्नत-कश-ए-क़रार नहीं फ़िरोज़ा बेगम

ईरानी तलबा के नाम

ईरानी तलबा के नाम ज़ेहरा निगाह

ईरानी तलबा के नाम

ईरानी तलबा के नाम मलिका पुखराज

एक रह-गुज़र पर

एक रह-गुज़र पर अज्ञात

कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया

कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया अज्ञात

कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया

कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया जसविंदर सिंह

कुछ पहले इन आँखों आगे क्या क्या न नज़ारा गुज़रे था

कुछ पहले इन आँखों आगे क्या क्या न नज़ारा गुज़रे था टीना सानी

कुत्ते

कुत्ते अज्ञात

कुत्ते

कुत्ते अज्ञात

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी मलिका पुखराज

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी मलिका पुखराज

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी इक़बाल बानो

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी गुरमीत मोक्ष

कब तक दिल की ख़ैर मनाएँ कब तक रह दिखलाओगे

कब तक दिल की ख़ैर मनाएँ कब तक रह दिखलाओगे भारती विश्वनाथन

कब याद में तेरा साथ नहीं कब हात में तेरा हात नहीं

कब याद में तेरा साथ नहीं कब हात में तेरा हात नहीं टीना सानी

कब याद में तेरा साथ नहीं कब हात में तेरा हात नहीं

कब याद में तेरा साथ नहीं कब हात में तेरा हात नहीं ख़य्याम

कभी कभी याद में उभरते हैं नक़्श-ए-माज़ी मिटे मिटे से

कभी कभी याद में उभरते हैं नक़्श-ए-माज़ी मिटे मिटे से अज्ञात

क्या करें

क्या करें अज्ञात

क्या करें

क्या करें ज़ेहरा निगाह

क़र्ज़-ए-निगाह-ए-यार अदा कर चुके हैं हम

क़र्ज़-ए-निगाह-ए-यार अदा कर चुके हैं हम बेगम अख़्तर

कहाँ जाओगे

कहाँ जाओगे नय्यरा नूर

ख़ुदा वो वक़्त न लाए

ख़ुदा वो वक़्त न लाए मलिका पुखराज

गर्मी-ऐ-शौक़-ऐ-नज़ारा का असर तो देखो

गर्मी-ऐ-शौक़-ऐ-नज़ारा का असर तो देखो शौकत अली

गर्मी-ऐ-शौक़-ऐ-नज़ारा का असर तो देखो

गर्मी-ऐ-शौक़-ऐ-नज़ारा का असर तो देखो फ़रीदा ख़ानम

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले श्रुति पाठक

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले तान्या वेल्स

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले ख़ुर्शीद बेगम

गीत

गीत मेहरान अमरोही

गो सब को बहम साग़र ओ बादा तो नहीं था

गो सब को बहम साग़र ओ बादा तो नहीं था एहसान शब्बीर

चंद रोज़ और मिरी जान

चंद रोज़ और मिरी जान अज्ञात

चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का

चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का मआज़ अब्दुल मुईद

चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का

चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का फ़रीदा ख़ानम

चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का

चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का हबीब वली मोहम्मद

जब तेरी समुंदर आँखों में

जब तेरी समुंदर आँखों में मेहरान अमरोही

जमेगी कैसे बिसात-ए-याराँ कि शीशा ओ जाम बुझ गए हैं

जमेगी कैसे बिसात-ए-याराँ कि शीशा ओ जाम बुझ गए हैं फ़रीदा ख़ानम

जमेगी कैसे बिसात-ए-याराँ कि शीशा ओ जाम बुझ गए हैं

जमेगी कैसे बिसात-ए-याराँ कि शीशा ओ जाम बुझ गए हैं प्रिमिला पूरी

ज़िंदाँ की एक शाम

ज़िंदाँ की एक शाम अज्ञात

ज़िंदाँ की एक शाम

ज़िंदाँ की एक शाम ज़िया मोहीउद्दीन

जिस रोज़ क़ज़ा आएगी

जिस रोज़ क़ज़ा आएगी ज़ेहरा निगाह

ढाका से वापसी पर

ढाका से वापसी पर नय्यरा नूर

ढाका से वापसी पर

ढाका से वापसी पर भारती विश्वनाथन

तुझे पुकारा है बे-इरादा

तुझे पुकारा है बे-इरादा नय्यरा नूर

तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है

तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है रफ़ाक़त अली ख़ान

तुम ये कहते हो अब कोई चारा नहीं

तुम ये कहते हो अब कोई चारा नहीं ज़िया मोहीउद्दीन

तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं

तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं भारती विश्वनाथन

तराना

तराना तलअत अज़ीज़

तेरी सूरत जो दिल-नशीं की है

तेरी सूरत जो दिल-नशीं की है अज्ञात

तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए

तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए आबिदा परवीन

तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए

तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए ताज मुल्तानी

तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए

तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए उस्उताद म्मीद अली ख़ान

तिरी उमीद तिरा इंतिज़ार जब से है

तिरी उमीद तिरा इंतिज़ार जब से है नाहीद अख़्तर

तिरी उमीद तिरा इंतिज़ार जब से है

तिरी उमीद तिरा इंतिज़ार जब से है अमानत अली ख़ान

दुआ

दुआ इक़बाल बानो

दुआ

दुआ ज़ेहरा निगाह

दर्द आएगा दबे पाँव

दर्द आएगा दबे पाँव ज़िया मोहीउद्दीन

दरीचा

दरीचा ज़ेहरा निगाह

दिल-ए-मन मुसाफ़िर-ए-मन

दिल-ए-मन मुसाफ़िर-ए-मन ज़ेहरा निगाह

दिल-ए-मन मुसाफ़िर-ए-मन

दिल-ए-मन मुसाफ़िर-ए-मन अज्ञात

न किसी पे ज़ख़्म अयाँ कोई न किसी को फ़िक्र रफ़ू की है

न किसी पे ज़ख़्म अयाँ कोई न किसी को फ़िक्र रफ़ू की है फ़रीदा ख़ानम

न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश दिल-ए-रेज़ा-रेज़ा गँवा दिया

न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश दिल-ए-रेज़ा-रेज़ा गँवा दिया इक़बाल बानो

न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश दिल-ए-रेज़ा-रेज़ा गँवा दिया

न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश दिल-ए-रेज़ा-रेज़ा गँवा दिया फ़रीदा ख़ानम

न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश दिल-ए-रेज़ा-रेज़ा गँवा दिया

न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश दिल-ए-रेज़ा-रेज़ा गँवा दिया आसिफ़ मेहदी

नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैं

नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैं उस्ताद सुल्तान ख़ान

नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही

नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही आबिदा परवीन

नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही

नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही टीना सानी

निसार मैं तेरी गलियों के

निसार मैं तेरी गलियों के ज़िया मोहीउद्दीन

पाँव से लहू को धो डालो

पाँव से लहू को धो डालो अज्ञात

पास रहो

पास रहो नय्यरा नूर

फूल मुरझा गए सारे

फूल मुरझा गए सारे अज्ञात

फिर आईना-ए-आलम शायद कि निखर जाए

फिर आईना-ए-आलम शायद कि निखर जाए नय्यरा नूर

बोल

बोल Urdu Studio

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग आसिफ़ रज़ा

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग टीना सानी

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग रजनी पल्लवी

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग सीमा सहगल

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग राधिका चोपड़ा

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग ज़ोहरा सहगल

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात

मता-ए-लौह-ओ-क़लम छिन गई तो क्या ग़म है

मता-ए-लौह-ओ-क़लम छिन गई तो क्या ग़म है ज़ेहरा निगाह

मरसिए

मरसिए इक़बाल बानो

मिरे हमदम मिरे दोस्त!

मिरे हमदम मिरे दोस्त! Urdu Studio

ये किस ख़लिश ने फिर इस दिल में आशियाना किया

ये किस ख़लिश ने फिर इस दिल में आशियाना किया जगजीत सिंह

ये जफ़ा-ए-ग़म का चारा वो नजात-ए-दिल का आलम

ये जफ़ा-ए-ग़म का चारा वो नजात-ए-दिल का आलम आबिदा परवीन

ये दाग़ दाग़ उजाला ये शब-गज़ीदा सहर

ये दाग़ दाग़ उजाला ये शब-गज़ीदा सहर ज़ेहरा निगाह

ये मातम-ए-वक़्त की घड़ी है

ये मातम-ए-वक़्त की घड़ी है ज़िया मोहीउद्दीन

ये मौसम-ए-गुल गरचे तरब-ख़ेज़ बहुत है

ये मौसम-ए-गुल गरचे तरब-ख़ेज़ बहुत है इक़बाल बानो

यूँ सजा चाँद कि झलका तिरे अंदाज़ का रंग

यूँ सजा चाँद कि झलका तिरे अंदाज़ का रंग ग़ुलाम अली

याद

याद मीशा शफ़ी

याद

याद टीना सानी

याद

याद आलिया शर्फ़ी

याद-ए-ग़ज़ाल-चश्माँ ज़िक्र-ए-समन-अज़ाराँ

याद-ए-ग़ज़ाल-चश्माँ ज़िक्र-ए-समन-अज़ाराँ फ़रीदा ख़ानम

रक़ीब से!

रक़ीब से! आक़िब साबिर

रक़ीब से!

रक़ीब से! नूर जहाँ

रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम

रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम फ़िरदौसी बेगम

रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम

रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम हबीब वली मोहम्मद

रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम

रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम भारती विश्वनाथन

रंग है दिल का मिरे

रंग है दिल का मिरे ज़िया मोहीउद्दीन

राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया

राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया कविता कृष्णामूर्ति

राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया

राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया फ़िरोज़ा बेगम

राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया

राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया सलमा आग़ा

लाओ तो क़त्ल-नामा मिरा

लाओ तो क़त्ल-नामा मिरा अज्ञात

व-यबक़ा-वज्ह-ओ-रब्बिक (हम देखेंगे)

व-यबक़ा-वज्ह-ओ-रब्बिक (हम देखेंगे) टीना सानी

व-यबक़ा-वज्ह-ओ-रब्बिक (हम देखेंगे)

व-यबक़ा-वज्ह-ओ-रब्बिक (हम देखेंगे) अज्ञात

व-यबक़ा-वज्ह-ओ-रब्बिक (हम देखेंगे)

व-यबक़ा-वज्ह-ओ-रब्बिक (हम देखेंगे) अज्ञात

वासोख़्त

वासोख़्त इक़बाल बानो

वो बुतों ने डाले हैं वसवसे कि दिलों से ख़ौफ़-ए-ख़ुदा गया

वो बुतों ने डाले हैं वसवसे कि दिलों से ख़ौफ़-ए-ख़ुदा गया ज़ेहरा निगाह

शैख़ साहब से रस्म-ओ-राह न की

शैख़ साहब से रस्म-ओ-राह न की जसविंदर सिंह

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई इक़बाल बानो

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई फ़रीदा ख़ानम

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई मेहदी हसन

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई बेगम अख़्तर

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई बेगम अख़्तर

सब क़त्ल हो के तेरे मुक़ाबिल से आए हैं

सब क़त्ल हो के तेरे मुक़ाबिल से आए हैं फ़रीदा ख़ानम

सब क़त्ल हो के तेरे मुक़ाबिल से आए हैं

सब क़त्ल हो के तेरे मुक़ाबिल से आए हैं फ़रीदा ख़ानम

सुब्ह की आज जो रंगत है वो पहले तो न थी

सुब्ह की आज जो रंगत है वो पहले तो न थी ज़ेहरा निगाह

सुब्ह-ए-आज़ादी (अगस्त-47)

सुब्ह-ए-आज़ादी (अगस्त-47)

सुब्ह-ए-आज़ादी (अगस्त-47)

सुब्ह-ए-आज़ादी (अगस्त-47) ज़िया मोहीउद्दीन

सभी कुछ है तेरा दिया हुआ सभी राहतें सभी कुल्फ़तें

सभी कुछ है तेरा दिया हुआ सभी राहतें सभी कुल्फ़तें इक़बाल बानो

सिपाही का मर्सिया

सिपाही का मर्सिया

हम तो मजबूर-ए-वफ़ा हैं

हम तो मजबूर-ए-वफ़ा हैं अज्ञात

हम ने सब शेर में सँवारे थे

हम ने सब शेर में सँवारे थे आबिदा परवीन

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने फ़रीदा ख़ानम

हार्ट-अटैक

हार्ट-अटैक अज्ञात

हार्ट-अटैक

हार्ट-अटैक ज़िया मोहीउद्दीन

हिम्मत-ए-इल्तिजा नहीं बाक़ी

हिम्मत-ए-इल्तिजा नहीं बाक़ी ग़ुलाम अली

हिम्मत-ए-इल्तिजा नहीं बाक़ी

हिम्मत-ए-इल्तिजा नहीं बाक़ी अली बख़्श ज़हूर

कब याद में तेरा साथ नहीं कब हात में तेरा हात नहीं

कब याद में तेरा साथ नहीं कब हात में तेरा हात नहीं नुसरत फ़तह अली ख़ान

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले रुना लैला

तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है

तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है आमिर अली ख़ान

तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए

तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए नय्यरा नूर

दिल में अब यूँ तिरे भूले हुए ग़म आते हैं

दिल में अब यूँ तिरे भूले हुए ग़म आते हैं फ़िरदौसी बेगम

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के राज कुमार रिज़वी

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए रुना लैला

कब याद में तेरा साथ नहीं कब हात में तेरा हात नहीं

कब याद में तेरा साथ नहीं कब हात में तेरा हात नहीं विविध

नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही

नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही इक़बाल बानो

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई टीना सानी

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के राधिका चोपड़ा

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग

मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग शबनम मजीद

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई दिलराज कौर

तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है

तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है हबीब वली मोहम्मद

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