पाकिस्तान से स्नातक (ग्रेजुएशन) किया और कंप्यूटर में उच्च शिक्षा प्राप्त की। कुछ वर्ष रियाद, सऊदी अरब में बिताए। पिछले तीस वर्षों से कनाडा में निवास कर रही हैं। अब तक उनके छह काव्य संग्रह और उनका संकलन प्रकाशित हो चुका है। कविता में ग़ज़ल उनकी प्रिय विधा है। उनके छह पुस्तकों के नाम "तेरे ख़याल की ख़ुशबू", "तरंग", "धनक", "दिल दरिया", "महराब-ए-नूर", "मल्हार" हैं। इन पुस्तकों का चयन "फिर इश्क़ जबों ठहरा" के नाम से प्रकाशित हो चुका है।
कनाडा में साहित्यिक गतिविधियों में बेहद सक्रिय हैं। ग़ालिब अकादमी ऑफ कनाडा की संचालिका हैं और इसके अंतर्गत मुशायरों एवं अन्य साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती हैं। उनकी ग़ज़लों को प्रतिष्ठित गायक गा चुके हैं। स्वयं भी संगीत में विशेष रुचि रखती हैं।