aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Shaad Aarfi's Photo'

शाद आरफ़ी

1900 - 1964 | रामपुर, भारत

नई विचार-दिशा देने वाले शायरों में विख्यात।

नई विचार-दिशा देने वाले शायरों में विख्यात।

शाद आरफ़ी

ग़ज़ल 34

नज़्म 4

 

अशआर 11

'शाद' ग़ैर-मुमकिन है शिकवा-ए-बुताँ मुझ से

मैं ने जिस से उल्फ़त की उस को बा-वफ़ा पाया

तुम सलामत रहो क़यामत तक

और क़यामत कभी आए 'शाद'

  • शेयर कीजिए

कटती है आरज़ू के सहारे पे ज़िंदगी

कैसे कहूँ किसी की तमन्ना चाहिए

देख कर शाइ'र ने उस को नुक्ता-ए-हिकमत कहा

और बे-सोचे ज़माने ने उसे ''औरत'' कहा

  • शेयर कीजिए

रंग लाएगी हमारी तंग-दस्ती एक दिन

मिस्ल-ए-ग़ालिब 'शाद' गर सब कुछ उधार आता गया

पुस्तकें 18

संबंधित लेखक

"रामपुर" के और लेखक

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए