by Thakurdatt Mishr
anraghraghav
sanskrit ke prsidadhh naataykar murarikrit anrghraaghvam naamak natak ka hindi rupantar
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
sanskrit ke prsidadhh naataykar murarikrit anrghraaghvam naamak natak ka hindi rupantar
यह पुस्तक संस्कृत के प्रसिद्ध नाट्यकार मुरारिकृत ''अनर्घराघवम'' नामक नाटक का हिंदी रूपांतर है। इसकी रचना रामचरितमानस के आधार पर की गई है। इसमें राम-लक्ष्मण की वनवास से लेकर लंका विजय तथा अयोध्या वापसी और राजभिषेक तक की सभी घटनाओं का संक्षेप में वर्णन है। सभी घटनाओं को कथोपकथन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। यह संस्करण किशोर अवस्था के पाठकों के लिए ही काव्य की अनुभूति और रस के साथ तैयार किया गया है जिससे वह देश की संस्कृति से परिचित होकर जुड़ सकें।
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
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