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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : याक़ूब यावर

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : एम. आर. पब्लिकेशंस, नई दिल्ली

मूल : नई दिल्ली, भारत

प्रकाशन वर्ष : 2022

भाषा : उर्दू

पृष्ठ : 235

ISBN संख्यांक / ISSN संख्यांक : 978-93-90568-47-5

सहयोगी : इक़बाल लाइब्रेरी, भोपाल

बार-ए-ज़ियाँ
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पुस्तक: परिचय

''बार-ए-ज़ियाँ'' याक़ूब यावर की मुंतख़ब ग़ज़लियात का मजमूआ है। मुसन्निफ़ अपनी गुफ़्तनी में शायरी के फ़ल्सफ़े, मौजूदा दौर में इसकी अहमियत और मुआसिर उर्दू शायरी को दरपेश चैलेंजज़ पर रोशनी डालते हैं, जैसे मिसालियत परस्ती और हक़ीक़ी ज़िंदगी से दूरी। वह नक़्क़ादों के किरदार और सच्ची बातों के इज़हार में दरपेश मुश्किलों पर भी बहस करते हैं। यह मजमूआ मुतसादिम एहसासात के दरमियान वज़ाहत तलाश करने और इंतिशार से होशमंदी कशीद करने की शायर की कोशिशों का अक्कास है।

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